ठ्वाक या गुंठी चांदी का बनाया जाता था। हालांकि अब यह आभूषण प्रचलन में नहीं है। यह गिलास के आकार के चाँदी की पत्ती से निर्मित कड़े होते थे। जिनमे अलग-अलग प्रकार की कारीगरी करी जाती थी। यह कलाई से कोहनी तक लम्बा होता है। ठ्वाक को एक ओर से खोल कर पहना जाता था। इसे बंद करने के लिए कब्जेदार पेच बनाये जाते थे जिससे इसे कलाई में लगा के बंद किया जाता था।