सोनपाल राजा (1289-94): गढ़वाल के पंवार राजवंश का चौबीसवां राजा। इस गढ़पति को इतिहासकारों ने राजा लिखा है। इसकी राजधानी जनपद टिहरी गढ़वाल में भिलंग घाटी में घुत्तू नामक स्थान में थी। प्राचीन काल में भिलंगना नदी की इस घाटी में भिल्ल राजाओं का राज्य होना बताया जाता है। सोनपाल उस समय गढ़वाल के गढ़पतियों में शक्तिशाली गढ़पति था। कई गढ़ों ने इसकी अधीनता स्वीकार कर रखी थी। सोनपाल की राज्यावधि संदिग्ध है। कुछ इतिहासकार सोनपाल को ही भौनपाल (भानु प्रताप) मानते हैं। इसी भानु प्रताप की कन्या का विवाह कनकपाल के साथ नौंवी सदी के उत्तरार्द्ध में हुआ था, जब वह धार (गुजरात) से बद्रीनारायण की यात्रा पर आया था। यही कनकपाल गढ़वाल के पंवार राजवंश का संस्थापक है। सोनपाल ही यदि भौनपाल (भानुप्रताप) है तो इसकी राज्यावधि निश्चित ही नौंवी सदी होगी। राजा अजयपाल से पूर्व के राजाओं की वंशावली और राज्यावधि अप्रमाणिक है। इस सम्बन्ध में एटकिंशन, डा. पातीराम, हरिकृष्ण रतूड़ी, राहुल सांकृत्यायन, डा. शिवप्रसाद डबराल आदि इतिहासकार एक मत नहीं हैं।
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