गोविन्द प्रसाद घिल्डियाल | |
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जन्म | मई 24, 1870 |
जन्म स्थान | ग्राम- डांग, श्रीनगर, गढ़वाल |
शिक्षा | गढ़वाल के पहले ग्रेज्युएट |
व्यवसाय | डिप्टी कलेक्टर, लेखक |
मृत्यु | जुलाई 19, 1922 |
गोविन्द प्रसाद घिल्डियाल या गोविन्द राम घिल्डियाल (1870-1922): गांव डांग, श्रीनगर, गढ़वाल। गोविंद प्रसाद पहले गढ़वाली थे जिन्होंने इंटरमीडिएट पास किया था। गढ़वाल के पहले ग्रेजुएट और डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त करने वाले साहित्यकार। गोविन्द प्रसाद घिल्डियाल पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने गढ़वाली भाषा गद्य की शुरुआत की। इन्होंने 'हितोपदेश' का गढ़वाली गद्य में 'राजनीति' के नाम से अनुवाद किया था। बाइबिल के बाद गढ़वाली में छपी यह पहली पुस्तक थी। एक अन्य पुस्तक 'बीरबल चरित्र' इन्होंने सहदेव घिल्डियाल के सहयोग से लिखी। शेक्सपियर के नाटक 'औथेलो' और गोल्ड स्मिथ के काव्य 'हरमिट' का हिन्दी में 'विस्मृत योगी' नाम से अनुवाद किया था। हिन्दी गद्य में 'गढ़वाली राजपूतों' और 'गढ़वाली ब्राह्मणों की सैनिक वीरता' नाम की दो पस्तिकाएं भी लिखीं। गढ़वाली में परवाणों का संग्रह और हास्य व्यंग्यपूर्ण लेख भी लिखे थे। 'खिलाड़ीराम' और 'अनुभव' आदि छदम् नामों से भी लिखा था इन्होंने। जॉर्ज ग्रियर्सन ने अपनी किताब 'भारत के भाषाई सर्वेक्षण' में घिल्डियाल के काम को उल्लिखित किया था। हिन्दी-गढ़वाली के सशक्त कथाकार स्व. श्री रमा प्रसाद घिल्डियाल 'पहाड़ी' आपके ही सुपुत्र थे। गोविंद प्रसाद घिल्डियाल लैंसडाउन में 19 जुलाई, 1922 को ब्रह्मलीन हुए।
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