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    कोटगाड़ी देवी मंदिर

    kotgadi devi temple


    भगवती देवी को समर्पित कोटगाड़ी मंदिर पिथौरागढ़ जनपद के ग्राम पांखू में स्थित है। कोटगाड़ी देवी इस क्षेत्र में न्याय की देवी के रूप में प्रशिद्ध है। कोटगाड़ी जोशियों तथा मदीगावँ के पाठक ब्राह्मणों में ‘न्याय की देवी’ के रूप में पूजित हैं। यहाँ दूर-दूर से भक्त माता के भगवती स्वरुप की आराधना कर अपने कष्टों का निवारण और न्याय प्राप्त करते है। अन्याय तथा अत्यचार से पीड़ित लोग न्याय के लिए अपनी व्यथा स्टाम्प पेपर पर लिख कर यहाँ पर जमा कर के देवी से न्याय की गुहार लगाते हैं। यहाँ पांच पुश्त पहले दिए अन्यायपूर्ण निर्णयों की भी सुनवाई होती है और न्याय मिलता है। Kotgadi Devi


    कहा जाता है कि इस क्षेत्र में देवी निवास करती थी और अपनी सेना के साथ इस क्षेत्र में विचरण करती थी। गेल्थी नामक मैदान के दक्षिणी टीले में वासुकी गंगा के एक तालाब जिसे देवीताल कहा जाता था, में देवी का निवास था। तत्पश्चात देवी ने कोटगाड़ी को चुना और यहाँ देवी की स्थापना हुई। इस मंदिर के विषय में कहा जाता है कि कोटगाड़ जाति के एक व्यक्ति को स्वप्न में देवी ने मंदिर की स्थापना इस स्थान में करने को कहा था। इस स्थान में देवी के योनिभाग की प्रतिष्ठा होने के कारण इसे ढककर रखा गया है। यहाँ पर देवी मंदिर के अतिरिक्त बागदेव में रूप में पूजित दो भाई सूरजमल एवं छुरमल का मंदिर है। देवी भगवती के मुख्य मंदिर से 200 मीटर पाखु की ओर भंडारी ग्वल जु तथा भैरव का मंदिर है। कोटगाड़ी मंदिर आने वाले लोगों को यहाँ खिचड़ी चढ़ाना आवश्यक माना जाता है। Kotgadi Devi Temple


    यहाँ पर चैत्र और आश्विन नवरात्रियों की अष्टमी को मेले का आयोजन होता है। Kotgadi Mandir


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