KnowledgeBase


    इन्द्र सिंह नयाल

    इन्द्र सिंह नयाल (1902-1994): ग्राम बिसौदकोट, अल्मोड़ा। स्वाधीनता संग्राम सेनानी, राजनेता, लेखक, समाज सेवी, गांधीवादी जननायक। प्राचीन एवं नवीन धार्मिक तथा वैज्ञानिक विचारों के समन्वयकारी चिन्तनशील व्यक्ति। प्रारम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा में ग्रहण की। 1919 में अल्मोड़ा से हाईस्कूल उत्तीर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा हेतु इलाहाबाद चले गए। 1921 में इंटरमीडिएट, 1923 में बी.एससी. और 1926 में एल.एल.बी. की परीक्षाएं उत्तीर्ण की। 1920 में इलाहाबाद में विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार का कार्यक्रम चला। नयाल जी ने उसमें भाग लिया। 18 वर्षीय नवयुवक इन्द्रसिंह ने विदेशी वस्त्र न पहिनने की शपथ ली और जीवनपर्यन्त विदेशी वस्त्र न पहनकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी की। अल्मोड़ा लौटने पर स्वामी सत्यदेव का इन पर गहरा प्रभाव पड़ा। इनकी विचारधाराओं में तेजी से परिवर्तन हुआ और इन्होंने राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेना प्रारम्भ कर दिया। 1929 में कुमाऊँ में गांधी जी का आगमन हुआ। स्वागत समिति के नयाल जी कोषाध्यक्ष रहे। 1930 में नमक सत्याग्रह में भाग लेने पर छह माह कारावास की सजा पाई। 1932 में अल्मोड़ा में आयोजित, 'कुमाऊँ युवक सम्मेलन' के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 1932 में ही नयाल जी उच्यूर-सालम–बिसौद क्षेत्र से जिला परिषद, अल्मोड़ा के सदस्य निर्वाचित हुए। 1935 में जिला परिषद, नैनीताल के सदस्य निर्वाचित हुए। भारत छोड़ो आंदोलन में नैनीताल जिले से कई नवयुवकों पर विध्वंसात्मक कार्यों के कारण राजद्रोह का मुकदमा चला। नयाल जी ने उनकी मुफ्त पैरवी कर अपनी निस्वार्थ देश सेवा का परिचय दिया।


    gandhi in nainital

    स्वाधीनता प्राप्ति के बाद 1948-52 की अवधि में आप नैनीताल जिला परिषद के अध्यक्ष रहे। अपने इस कार्यकाल में इन्होंने जिले के मात्र 4 जू.हा. स्कूलों की संख्या 32 कर दी। 1955 में खटीमा में थारू हा. स्कूल की स्थापना की। 1952 से 1962 तक आप उ.प्र. विधान परिषद के सदस्य रहे। इस बीच नयाल जी नैनीताल जिला भ्रष्टाचार विरोधी समिति के भी अध्यक्ष रहे। 1962 के बाद आप समाज में व्याप्त बुराइयों के उन्मूलन में जुट गये। 1973 में इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कुमाऊँ का योगदान नामक पुस्तक लिखी जो प्रकाशित नहीं हो सकी। नयाल जी जीवनभर कर्मठ, अध्ययनशील और स्वार्थरहित रहे।


    हमसे वाट्सएप के माध्यम से जुड़े, लिंक पे क्लिक करें: वाट्सएप उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि

    हमारे YouTube Channel को Subscribe करें: Youtube Channel उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि

    Leave A Comment ?