मास असौज की रात कन्हैया रास रच्यो यमुना तट में ।। 2 ।।
हाँजि कन्हैया रास रच्यो यमुना तट में ।। 1 ।।
काहे के हाथ में ढोलक बाजै
काहे के हाथ में ताल कन्हैया, रास रच्यो ।।
राधे के हाथ में ढोलक बाजै
कृष्ण के हाथ में ताल कन्हैया, रास रच्यो ।।
काहे के हाथ मंजीरा सोहै
काहे के हाथ सतार कन्हैया, रास रच्यो ।।
राधे के हाथ मंजीरा सो है
कृष्ण के हाथ सतार कन्हैया, रास रच्यो ।।