Folk Songs


    कैसा हो स्कूल हमारा

    जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न अक्षर कान उखाड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न भाषा जख्म उघाड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    कैसा हो स्कूल हमारा?


    जहाँ अंक सच-सच बतलायें, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ प्रश्न हल तक पहुँचायें, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न हो झूठ का दिखावा, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ सूट-बूट का हव्वा, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    कैसा हो स्कूल हमारा?


    जहाँ किताबें निर्भय बोले, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    मन के पन्ने-पन्ने खोलें, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न कोई बात छुपाये, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न कोई दर्द दखाये, ऐसा हो स्कूल हमारा,
    कैसा हो स्कूल हमारा?


    जहाँ न मन में मन-मुटाव हो,
    जहाँ न चेहरों में तनाव हो,
    जहाँ न आँखों में दुराव हो
    जहाँ न कोई भेद-भाव हो


    जहाँ फूल स्वाभाविक महके - ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ बालपन जी भर चहके - ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न अक्षर कान उखाई - ऐसा हो स्कूल हमारा,
    जहाँ न भाषा जख्म उघाड़े - ऐसा हो स्कूल हमारा,
    ऐसा हो स्कूल हमारा।


    गिरीश चंद्र तिवारी "गिर्दा" का जीवन परिचय


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