Folk Songs


    हाउ पानिक पिन

    सोचि ल्यूछा त सोच पड़नी, कौ भे मी, का बटी ऐ
    रूडीनिक जसी बरख सुदे, अरख, बरख, काँ हु गे
    और उसिक सोचि ल्यूछा त, मई लिहबहर दुनी भे
    सूरज में उजियाव भे म्यर, जौडनी में रौशनी भे
    और उसिक औकात कूछा, तीन में न तेर में
    द्वि सोरा मुरलिक सर, भ्यार में न भीटर में
    यो जौलिया मुरूलिक और चलण तककी बात भे
    पर जतुक भे, जे ले भे, यो सब तेरी करामात भे
    वो रे हाउ पानिक पिना, तेरो ले बात भे
    सोचि ल्यूछा त सोच पड़नी

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