लवराज सिंह धर्मशक्तु | |
जन्म: | मार्च 20, 1973 |
जन्म स्थान: | ग्राम - बौना, मुन्स्यारी (पिथौरागढ़) |
पिता: | - |
माता: | - |
पत्नी | श्रीमती रीना कौशल धर्मशक्तु |
व्यवसाय: | पर्वतारोही |
लवराज जी ने प्रारंभिक शिक्षा बौना गांव से ही की। उसके बाद मदकोट में शिक्षा प्राप्त की। तदुपरान्त लवराज जी उच्च शिक्षा हेतु लखनऊ आ गये। पर्वतारोही परिवेश में पलने और बढ़ने के कारण पर्वतारोहण में रुचि जागी। उत्तर प्रदेश राज्य के दौरान आप अल्मोड़ा में विशेष कार्य अधिकारी रहे। साहसिक पर्यटन कार्यालय से साहसिक खेलों में आपने अपना करियर प्रारम्भ किया। 1990 में आपने उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लिया। आपने अभी तक देश विदेश में कुल 40 से अधिक चोटियों पर सफलतापूर्ण आरोहण किया है। जिनमें कचंनजंगा (8,586 मी.), कामेट (7,756 मी.), सतोपंथ (7,075 मी.), नंदाकोट (6,861 मी.), नंदाभनार (6,236 मी.) आदि है।
1989 में अपने भाई, सफल पर्वतारोही श्री इन्द्र सिंह धर्मसतू के साथ नन्दाकोट आरोहण में सफलता पाई। 1990 में पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स, 1993 मई में एडवान्स कोस, जून में एम.ओ.आई. तथा नवम्बर में 'सर्च एण्ड रेस्क्यू' कोर्स, सभी 'ए' ग्रेड में पास किए। 1989 में एडवेंचर कोर्स और 1993 में स्की कोर्स भी ‘ए’ ग्रेड से उत्तीर्ण किए। इसके अतिरिक्त पैराग्लाइडिंग में भी ‘ए’ ग्रेड प्राप्त किया। रिवर राफ्टिंग में भी महारत हासिल की। बेसिक कोर्स के दौरान ही बेबी शिवलिंग शिखर पर चढ़ने में सफलता पाई।
1985 में भागीरथी-III शिखर आरोही कनाडा दल, 1996 में नन्दा घुण्टी आरोही ब्रिटिश दल, 1997 में स्टाक कांगड़ी में जापानी दल और चाँगुछ आदि अभियानों में ब्रिटिश दल के साथ आइ. एम.एफ. ने इन्हें लाइजन अफसर नियुक्त किया।
उत्तरमार्ग (तिब्बत के रास्ते) से एवरेस्ट पर अकेले ही चढ़ने में सफलता पाने वाले प्रथम भारतीय। माउंट एवरेस्ट में 7 बार सफल चढ़ाई करने वाले पहले भारतीय है। प्रथम बार 1998 फिर 2006, 2009, 2012, 2013, और दो बार 2017 में माउंट एवरेस्ट में आरोहण किया है। आपको 2003 में तेंजिंग नोर्गे नेशनल एड्वेंचर पुरूस्कार दिया गया। 2009 में भारतीय पर्वतारोहण संस्थान द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। 2003 और 2006 में बोर्डर सिक्योरिटी फोर्स में उत्कृष्ट कार्यो हेतु महानिदेशक द्वारा डायरेक्टर जनरल कमेंडेशन पुरूस्कार दिया गया। 2014 में भारत सरकार द्वारा उन्हे पदम्श्री सम्मान से नवाजा गया। आपकी पत्नी श्रीमति रीना कौशल धर्मशक्तु जी भी प्रसिद्ध पर्वतारोही है। 2009 में कोस्ट आफ अंटार्कटिका से साउथ पोल तक काॅमनवेल्थ स्कीइंग अभियान में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाली प्रथम महिला है।